अवलोकन एवं निरिक्ष |
सुबह ठीक नौ बजे पाठशाला की सभी महिलाएं राजबीर मलिक के पिग्ग्री फार्म पर इक्कठी हो गई थी
मलिक साहब का यह पिग्ग्री फार्म खेत पाठशाला के लिए बहुत महत्वपूर्ण है बरसात हो या फिर लेपटोप पर स्लाईड दिखानी हो या सामान रखना हो& इस फार्म के कार्यालय को ही इस्तेमाल किया जाता है- इसी फार्म के छायादार पेड़ों के निचे बैठ कर महिलाएं अपने पिछले कार्य की दौहराई व समीक्षा करती है- आज इस सत्र की शुरुवात भी महिलाओं ने डा- कमल सैनी के नेतृत्व में यहीं की- बिमला] संतरा] सुंदर] व राजबाला ने अपनी&aअपनी फसल की इस सप्ताह की स्थिति बारे सब को अवगत कराया- अभी तक इनमे से किसी भी महिला को कीट नियंत्रण के लिए अपनी कपास की फसल में किसी कीटनाशक के छिडकाव की जरुरत नहीं पड़ी- अपनी इस सफलता पर महिलाएं बड़ी खुश थी- महिलाओं ने अपनी इस सफलता का श्रेय मुख्य रूप से मांसाहारी कीटों को देते हुए रक्षा&aबंधन त्यौहार के इस मौके पर अपने मित्र कीटों की सुरक्षा व सलामती की सामूहिक कामना की- कसूते काम के इन मित्र कीटों की वंशवृद्धि के उपायों पर भी विचार साझे किये गये-
इसके बाद महिलाएं एक&aaदुसरे का मुहं मीठा करवाते हुए अवलोकन व निरिक्षण के लिए कपास के खेत में उतरी- खेत में घुसते ही कपास के एक पौधे पर एक हथजोड़ा(PRAYING MANTISH) अपने दोनों हाथ जोड़े महिलाओं के स्वागत में तैयार खड़ा था- इस नजारे को देख कर महिलाएं दंग रह गयी- अंग्रेजो के मुंह से बरबस निकला कि भाई जब तू म्हारी इतनी इज्जत करै सै अर ख्याल राखै सै तो हाम भी तेरे गुण गांवांगी- फिर उसने महिलाओं से मुखापित होते हुए इस कीड़े पर एक गीत घड़ने की अपील की-
इसके बाद इन्होने अपना कीट निरिक्षण]सर्वेक्षण व् अवलोकन का काम निपटाया- नीम की छाया में बैठ कर हर ग्रुप ने अपनी&अपनी रिपोर्ट चार्टों पर त्यार की-
चार्टों के माध्यम से आज की अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए महिलाओं ने बताया कि आज के दिन राजबाला के इस कपास के खेत में चुरड़े का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नही. सुदेश ने बताया कि तापमान में घटोतरी व् मित्र कीटों की मेहरबानी के चलते ऐसा संभव हो पाया है. हर तेला व् सफेद मक्खी भी नाम मात्र की ही हैं. मिलीबग जरुर अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवा रहा है पर यह कीट भी अभी कपास की फसल में हानि पहुँचाने स्तर पर नहीं पहुंचा है.
अंग्रेजो ने बताया कि मित्र कीटों के रूप में आज इस खेत में लेडी बीटल, क्राईसोपा(ADULT , GRUB & EGG) हथजोड़ा(PRAYING MANTIS), दिखोडी(ROVE BEETLE), लोपा मक्खी(DRAGON FLY) व् छैल मक्खी(DAMSEL FLY) नजर आई हैं. आज के दिन तो इस खेत में मकड़ियों की भी भरमार है.
आज तो इन्होने एक मकड़ी को स्लेटी भुंड का शिकार करते हुए मौके पर ही पकड़ा. एक अन्य मकड़ी को तेले का भक्षण करते हुए भी देखा. आज के दिन तो इस खेत में गजब का प्राकृतिक संतुलन है. काश! यह संतुलन पुरे सीजन ही बना रहे और हम गर्व से कह सके की रक्षा- बंधन की सही सार्थकता तो ये मित्र कीट ही सिद्ध कर रहे हैं हमारी फसलों को दुश्मन कीटों से बचाकर.
मलिक साहब का यह पिग्ग्री फार्म खेत पाठशाला के लिए बहुत महत्वपूर्ण है बरसात हो या फिर लेपटोप पर स्लाईड दिखानी हो या सामान रखना हो& इस फार्म के कार्यालय को ही इस्तेमाल किया जाता है- इसी फार्म के छायादार पेड़ों के निचे बैठ कर महिलाएं अपने पिछले कार्य की दौहराई व समीक्षा करती है- आज इस सत्र की शुरुवात भी महिलाओं ने डा- कमल सैनी के नेतृत्व में यहीं की- बिमला] संतरा] सुंदर] व राजबाला ने अपनी&aअपनी फसल की इस सप्ताह की स्थिति बारे सब को अवगत कराया- अभी तक इनमे से किसी भी महिला को कीट नियंत्रण के लिए अपनी कपास की फसल में किसी कीटनाशक के छिडकाव की जरुरत नहीं पड़ी- अपनी इस सफलता पर महिलाएं बड़ी खुश थी- महिलाओं ने अपनी इस सफलता का श्रेय मुख्य रूप से मांसाहारी कीटों को देते हुए रक्षा&aबंधन त्यौहार के इस मौके पर अपने मित्र कीटों की सुरक्षा व सलामती की सामूहिक कामना की- कसूते काम के इन मित्र कीटों की वंशवृद्धि के उपायों पर भी विचार साझे किये गये-
इसके बाद महिलाएं एक&aaदुसरे का मुहं मीठा करवाते हुए अवलोकन व निरिक्षण के लिए कपास के खेत में उतरी- खेत में घुसते ही कपास के एक पौधे पर एक हथजोड़ा(PRAYING MANTISH) अपने दोनों हाथ जोड़े महिलाओं के स्वागत में तैयार खड़ा था- इस नजारे को देख कर महिलाएं दंग रह गयी- अंग्रेजो के मुंह से बरबस निकला कि भाई जब तू म्हारी इतनी इज्जत करै सै अर ख्याल राखै सै तो हाम भी तेरे गुण गांवांगी- फिर उसने महिलाओं से मुखापित होते हुए इस कीड़े पर एक गीत घड़ने की अपील की-
इसके बाद इन्होने अपना कीट निरिक्षण]सर्वेक्षण व् अवलोकन का काम निपटाया- नीम की छाया में बैठ कर हर ग्रुप ने अपनी&अपनी रिपोर्ट चार्टों पर त्यार की-
चार्टों के माध्यम से आज की अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए महिलाओं ने बताया कि आज के दिन राजबाला के इस कपास के खेत में चुरड़े का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नही. सुदेश ने बताया कि तापमान में घटोतरी व् मित्र कीटों की मेहरबानी के चलते ऐसा संभव हो पाया है. हर तेला व् सफेद मक्खी भी नाम मात्र की ही हैं. मिलीबग जरुर अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवा रहा है पर यह कीट भी अभी कपास की फसल में हानि पहुँचाने स्तर पर नहीं पहुंचा है.
कीट काउंट |
आज तो इन्होने एक मकड़ी को स्लेटी भुंड का शिकार करते हुए मौके पर ही पकड़ा. एक अन्य मकड़ी को तेले का भक्षण करते हुए भी देखा. आज के दिन तो इस खेत में गजब का प्राकृतिक संतुलन है. काश! यह संतुलन पुरे सीजन ही बना रहे और हम गर्व से कह सके की रक्षा- बंधन की सही सार्थकता तो ये मित्र कीट ही सिद्ध कर रहे हैं हमारी फसलों को दुश्मन कीटों से बचाकर.
No comments:
Post a Comment