हाथ पर हथजोड़ा |
अंगिरा - मधुर मिलन |
ख़ैर, आज पाठशाला के इस सत्र की शुरुवात पिछले काम की दोहराई व समीक्षा से हुई. महिलाओं ने एक-एक करके कपास की फसल में रस चूस कर हानि पहुँचाने वाले कीटों के नाम गिनवाए तथा उनकी पहचान बताई. कपास के इस खेत में अबतक पाए गये लाभदायक कीटों की समीक्षा की गई. बिमला ने बताया कि लोपा व छैल मक्खियाँ मांसाहारी कीट हैं तथा ये उड़ने वाले कीड़े अपने अंडे पानी में देते हैं. धान की फसल में खड़ा पानी इनके इस काम में खास काम आता है.
यह सुन कर रानी बोली अक जी फेर तो जीरी कि फसल में फूट के लिए डाली जाने वाली "पदान" नामक दवा इन मक्खियों के बच्चों को जरुर मारती होगी. फेर तो म्हारे गाम के गाभरू पीले हाथ करवान के चक्कर में इस पदान गेलाँ बेमतलब हरे हाथ करें हांडे जा सै.
बिमला की बात सुनकै मनबीर मन ही मन मुस्कराया और कहने लगा अक या पदान-50 एस पी(Cartap Hydrochloride) जिसनै आपां दवा कहते हैं. दवाई कोन्या, कसुता जहर है कीड़े मारने का. इस ज़हर के पैकट पर भी लिख रखा है कि यह अन्तप्रवाही कीटनाशक धान की फसल में पत्ता-लपेट व तना-छेदक कीड़ों को मारने के लिए कारगर जहर है. फेर क्यूँ किसान इस जहर को फूट वाली दवा समझते है- मेरी समझ तै बाहर है. धान की फसल में नुकशान पहुँचाने वाले पत्ता-लपेट, तना-छेदक, भुनगे-फुदके आदि कीड़ों को तो इन लोपा व छैल मक्खियों के प्रौढ़ व निम्फ ही खा जाते है. पर अफ़सोस! धान की फसल में फूट करवाने के वास्ते पदान का इस्तेमाल सब क्यां ऐ का कबाड़ा कर देता है.
"खड़े तौ सा कपास की फसल में अर् छेड़ रे धान की", कमलेश ने चिचड़ी भरने की कौशिश की.
डा.कमल सैनी- कमलेश, भूमि अर् भगवान इस दुनिया में केवल माणसां नै ऐ बाँट रखे सै. और किसी भी जीव नै नही. मांसाहारी कीड़े हर उस फसल में जावैंगे जित इन नै अर इनके बालकां नै खान नै कीड़े पावैंगे. जै किस्से किसान नै अपनी फसल में शाकाहारी कीड़े ख़त्म कर लिए तो बता उसके खेत में यें मांसाहारी कीड़े के इसी-तीसी करवान जावैंगे. इस बात पै तो सारी महिलाएं खिल-खिलाकर हंस पड़ी.
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