डा.धींगडा- सुदेश को लेंस भेंट करते हुए. |
इसके बाद महिलाओं ने डा. कमल सैनी व रनबीर मलिक के नेतृत्व में पिछले काम की समीक्षा तथा दोहराई की. अपने इस
कीट अवलोकन व निरिक्षण |
चार्टों के माध्यम से प्रस्तुति. |
सत्र के अंत में डा.सुरेन्द्र दलाल ने कपास की फसल में होने वाली बिमारियों के बारे में विस्तार से महिलाओं को समझाया. आब व ताप की वर्तमान स्थिति को ध्यान रखते हुए कपास की फसल को बिमारियों से बचाने के लिए अब स्ट्रेप्तोसाईक्लीन व कापर-आक्सी-क्लोराइड के घोल का स्प्रे करते रहे. एक एकड़ में स्प्रे के लिए कापर-आक्सी-क्लोराइड की मात्रा आधा किलोग्राम रखे. रणबीर मलिक ने उप मंडल कृषि अधिकारी डा. पवन धींगडा का धन्यवाद करते हुए आज के सत्र की समाप्ति की घोषणा की.
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