ललीतखेड़ा गांव में बुधवार को पूनम मलिक के खेत में महिला
किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। महिलाओं ने पाठशाला में कीट सर्वेक्षण के
बाद कीट बही खाता तैयार किया। कीट सर्वेक्षण के साथ-साथ महिलाओं ने कपास
के पौधों, फूलों, टिंडों व बोकियों की गिनती कर पौधों का भी बही खाता तैयार
किया। महिलाओं ने 6 ग्रुप बनाकर 10-10 पौधों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण
के बाद महिलाओं ने जामुन के पेड़ के नीचे बैठकर चार्ट पर अपना बही खाता
तैयार किया। मास्टर ट्रेनर अंग्रेजो ने सर्वेक्षण के बाद तैयार किए गए
आंकड़ों की तरफ इशारा करते हुए बताया कि कपास के इस खेत में इस सप्ताह
शाकाहारी कीटों की संख्या नामात्र है। इस सप्ताह फसल में लाल व काला बानिया
ही नजर आए हैं। पूनम मलिक ने महिलाओं को बताया कि उन्होंने कीट सर्वेक्षण
के दौरान खेत में लाल व काला बानिए के अंडे भी देखे हैं। पूनम ने बताया कि
लाल बानिया अपने अंड़े कपास के पौधे के पास गले-सड़े पत्तों के नीचे व जमीन
के ऊपर देता है तथा काला बानिया कपास के खिले हुए टिंडों के अंदर देता है।
सविता ने महिलाओं द्वारा किए गए कपास के पौधों के सर्वेक्षण के बारे में
जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रयोगधीन खेत में एक पौधे पर औसतन 80 टिंडे,
2 फूल व 22 बोकियां मिली हैं। सविता ने बताया कि अगर इस समय पौधों को
पर्याप्त खुराक मिल जाए तो बोकियों, फूलों व टिंडों को अच्छी तरह विकसित कर
अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। मीना मलिक ने बताया कि पाठशाला में
आने वाली महिलाओं को अभी तक अपने खेत में एक बूंद भी कीटनाशक के प्रयोग की
जरुरत नहीं पड़ी है। महिलाओं ने बताया कि उनके लिए बड़ी खुशी की बात है कि
उन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते खुद का ज्ञान पैदा कर कीटनाशकों को धूल चटा
दी है।
टीवी के माध्यम से सिखाएंगी जहर से मुक्ति के गुर
पाठशाला में मास्टर ट्रेनर के साथ विचार-विमर्श करती महिलाएं।
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: कपास की फसल में कीट सर्वेक्षण करती महिलाएं।
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महिला किसान पाठशाला के अलावा महिलाएं टीवी के माध्यम से भी किसानों के साथ
अपने अनुभव बांटेंगी। वीरवार को लोकसभा चैनल पर सायं 5.30 बजे ‘ज्ञान
दर्पण’ कार्यक्रम में, शुक्रवार को सायं 5.30 बजे ‘सार्इंस दिस वीक’
कार्यक्रम में तथा सोमवार को डीडी नैशनल चैनल पर सायं 6.30 बजे ‘कृषि
दर्शन’ कार्यक्रम में किसानों को कीट नियंत्रण के माध्यम से जहर से छुटकारा
पाने के गुर सिखाएंगी।
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