Friday, December 24, 2010

किसान खेत दिवस

24 दिसम्बर 10 को निडाना में कृषि विभाग के सौजन्य से किसान खेत दिवस का आयोजन किया गया. यह आयोजन निडाना गावँ में लगाई गयी महिला खेत पाठशाला के परिणाम किसानो को बताने के लिए किया गया. इस प्रोग्राम के मुख्य अतिथि कृषि विभाग के सयुंक्त निदेशक व हमेटी, जींद के प्राचार्य कम निदेशक डा.भूल सिंह नैन थे. जबकि इसकी अध्यक्षता जिला जींद के कृषि उपनिदेशक डा. आत्मा राम गोदारा ने की. इस कार्यक्रम में जिला जींद के दो दर्जन गावों से 1700 के लगभग किसानों ने भाग लिया. इनमे से 250 के आसपास महिला किसान थी. कृषि विभाग की विभिन्न शाखाओं द्वारा प्रदर्शनी लगाई गयी.किसान खेत दिवस के इस अवसर पर  गावँ के वर्तमान सरपंच श्री सुरेश मलिक के साथ-साथ पांच भूत पूर्व सरपंच सर्वश्री दलीप सिंह, रत्तन सिंह, बसाऊ राम, रणबीर सिंह व रामभगत सेठ भी इस मौके पर उपस्थित थे. इन्होने कार्यक्रम की औपचारिक शुरुवात होने से पहले ही  जिला जींद के जमीनी हकीकत से जुड़े मिडियाकर्मियों को निडाना के किसानों की तरफ से शाल उढ़ाकर सम्मानित किया व समृति चिन्ह भेंट किये. ये सम्मानित पत्रकार दैनिक भास्कर से श्री सुशिल भार्गव, हरी भूमि से श्री विजेंद्र कादयान, अमर उजाला से श्री सतेन्द्र पंडित, आज आवाज से श्री धर्मबीर निडाना, थे.  इण्डिया न्यूज़, हरियाणा से श्री सुनील मोंगा व उनके कैमरामैन रोहताश भोला तीन दिन पहले एक दुर्घटना में सुनील मोंगा के घायल होने के कारण इस अवसर पर पहुँच नही पाए. उनकी जगह जे.सी.एन.(शहरनामा) के श्री ऋषि ने ये स्मृति चिन्ह ग्रहण किये. हिंदुस्तान टाईम्स से सुश्री निशा अवतार व दी ट्रिब्यून से बिजेंद्र अहलावत किन्ही कारणों से इस प्रोग्राम में पहुँच नही सके. 
ठीक साढ़े ग्यारह बजे  हमेटी के निदेशक डा.भूल सिंह नैन ने रीबन काट कर कृषि विभाग द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम की विधिवत शुरुवात की.  इसके बाद डा. नैन ने कृषि विभाग के प्रदर्शनी स्थलों का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने निडाना के किसानों द्वारा लगाये गई कीट प्रदर्शनी का बारीकी से अवलोकन किया व निडाना के खेतों में कपास की फसल में पाए गये कीटों के बारे में विस्तार से जानकारी ली व कीट-प्रासादा चखा. याद रहे निडाना के किसानों ने सभीं आगुन्तकों के लिए प्रसादे के रूप में चालीस किलो देसी घी से तैयार हलवे व बाकुली का प्रबंध कर रखा था. कीट प्रसाद घर में कीट-प्रासादा ग्रहण करने वालों को एक-एक कैलेंडर भी भेंट किया जा रहा था.  कीटों की पहचान  के महत्व पर तैयार यह कैलेंडर गावँ के नम्बरदार श्री राममेहर मलिक ने अपने खर्चे से छपवाया व इसकी 1700 प्रतियाँ यहाँ बांटी गयी. इस खेत दिवस में आने वाला हर किसान जितनी बार कीट-प्रासादा चखना चाहे - पूरी छुट थी. पर एक शर्त थी कि उसकों हर बार यहाँ प्रदर्शित कीटों की जानकारी लेनी होगी.
स्टेज पर कार्यक्रम की शुरुवात में जिला जींद के कृषि उपनिदेशक डा.आत्मा राम गोदारा ने डा.भूल सिंह नैन को स्मृति चिन्ह भेंट किया. गावँ के भू.पु.सरपंच श्री दलीप सिंह ने आदरमान के लिए गावँ में सबसे बड़े सम्मान की प्रतिक पगड़ी ग्रामवासियों की तरफ से डा.भूल सिंह को तथा वर्तमान सरपंच श्री सुरेश मलिक ने डा. आत्मा राम गोदारा को पहनाई. इसी अवसर पर सर्व श्री सुरेन्द्र मलिक व् राजेन्द्र सिंह ने इन अधिकारीयों को खेत पाठशाला की तरफ से स्मृति चिन्ह भेंट किये. इसी समय गावं के प्रगतिशील किसान श्री रामेहर मलिक द्वारा छपवाए गये कीट कलेंडर का विमोचन किया गया|  सहायक गन्ना विकास अधिकारी डा.धर्मपाल कटारिया ने जिले में चल रही गतिविधियों के बारे में लोगों को जानकारी दी. इसके बाद  पाठशाला की महिलाओं ने दो गीतों(कीड़याँ का कट रह्या चाला हे... तथा  मै बीटल हूँ...  मै कीटल हूँ... समझो मेरी महता को) की प्रस्तुति दी. इन गीतों के लिए बैन्जू व ढोलक पर श्री कुलदीप सिंह, राजबीर व साथियों ने साथ दिया.इस मौके पर डा.नीना  सुहाग ने भू.संरक्षण से सम्बंधित तकनीकों एवं स्कीमों के जानकारी उपस्थित लोगों को दी. इसी समय डा.राजपाल सूरा ने गेहूं व् सरसों की फसलों की खेती बारे में आधुनिक तकनीकें किसानों को बताई. इसके बाद गावं के भू.पु.सरपंच रत्तन सिंह ने निडाना की धरती पर सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही खेत पाठशालाओं के महत्त्व को रेखांकित किया व् किसानों से कीट नियंत्रण के लिए कीटों की पहचान करने की अपील की.. डा.कमल सैनी ने महिला खेत पाठशाला की उपलब्धियों एवं कमजोरियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. जिंदल ग्लोबल युनिवर्ष्टि में विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र श्री अंकित ग्रेवाल ने खुश होकर अपने माँ-बाप की कमाई से 1100 रुपये की राशी महिला खेत पाठशाला की महिलाओं को इनाम स्वरुप भेंट की तथा इन महिलाओं के मुकदमें फ्री में लड़ने का वायदा किया. इसके बाद महिलाओं ने फिर दो गीतों की प्रस्तुति दी. एक गीत था अपने पति को पाठशाला में आकर भान्त-भान्त के कीड़े देखने का आमन्त्रण तथा दुसरे गीत में पाठशाला के विभिन्न सत्रों में पुरषों के उल्हानों का जवाब व् महिलाओं से पाठशाला में शामिल होने की अपील 
इस अवसर पर निडाना गावं के किसान रामेहर मलिक, नम्बरदार ने भी अपने विचार कृषि विभाग के अधिकारीयों व् किसानों से साझा किये| इन्होने उपस्थित किसानों को बताया कि प्रसिध्द कीट विज्ञानी डा.सरोज जयपाल भी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए करनाल से चल चुकी है और उनके यहाँ तीन बजे तक पहुचने की उम्मीद है|
अब कार्यक्रम के मुख्यातिथि डा.भूल सिंह नैन ने उपस्थित किसानों व् निडाना गावं का विशेष धन्यवाद् करते हुए इस कीट साक्षरता के अभियान में किसानों से और जोर लगाने की अपील की| उन्होंने उम्मीद जताई कि निडाना में शुरू हुआ यह काम जल्दी ही पुरे जींद जिला में फैलेगा और फिर पुरे हरियाणा में अर वो दिन दूर नही जब हम हरियाणा को जहर मुक्त प्रदेश बनाने में कामयाब होंगे| उन्होंने कृषि अधिकारीयों एवं किसानों को कृषि विकास के लिए गाड़ी के दो पहियें बताते हुए इनके आपसी सामंजस्य पर जोर दिया|
अब आज के इस प्रोग्राम क़ी अध्यक्षता कर रहे डा.आत्मा राम गोदारा ने अपना अध्यक्षीय भाषण देते हुए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, कृषि अधिकारीयों,  आयोजकों व्  विभिन्न गावों से आये हुए किसानों का इस प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए धन्वाद किया और निडाना की महिलाओं का विशेष रूप से| इस समय दिन के दो बजे थे और डा.सरोज जैपाल समय व् स्थान की बाधाओं के चलते तीन बजे से पहले यहाँ पहुच नही सकती|
कार्यक्रम की समाप्ति के बावजूद डा.सुरेन्द्र दलाल ने किसानों से डा. सरोज जयपाल के यहाँ पहुँचने तक यहीं जमे रहने की अपील क़ी| इन्होने किसानों को सुचना दी क़ि डा.साहिबा खांडा-अलेवा पहुच चुकी हैं और अब यहाँ आध-पौन घंटे में पहुच जाएगी. इसी समय डा.आत्मा राम ने कृषि अधिकारीयों को भी मैडम के आने तक यही रुक्कने को कहा|  इंतजार की घड़ियाँ लम्बी होती है और अब इस इंतजार को बौना करने के लिए मोर्चा संभाला मास्टर राजेश व् इसके साथियों ने भूरा और निंघाहिया के किस्से की रागनियाँ गा कर| इंतजार के लम्हे कैसे गुज़रे, किसी को पता ही नही चला|
ठीक तीन बजने में सात मिनट पर डा. सरोज जयपाल यहाँ पहुँचने पर कार्यक्रम में उपस्तिथ 250 से ज्यादा महिलाएं अपनी कुर्सियां छोडकर अपनी चहेती कीट विज्ञानी का स्वागत करने सडक पर आ पहुंची| सबके हाथों में फूल मालाएँ थी|  डा. सरोज जयपाल के गले में फूल माला डालकर महिलाओं द्वारा जाफी भरने में एक गजब का अपनापन था| इसके बाद महिलाओं द्वारा डा. जी को कीट-पंडाल में लेजाकर फलैक्स बोर्डों की मार्फत निडाना में देखे गये सभी मांसाहारी व् शाकाहारी कीट दिखाए गये| तीन कीट रोगाणु व् एनासिय्स, ट्राईकोग्रामा व् टेलेनोम्स जैसे छोटे-छोटे कीड़ों समेत सौ से भी ज्यादा कीड़ों के संजीदा फोटो देखकर डा.सरोज जयपाल हैरान रह गई| कीट-पंडाल के निकासी- द्वार पर महिलाओं द्वारा डा.सरोज व् इनके पति डा, जयपाल ढींढसा को कीट-प्रसादा व् कीट-कलेंडर सप्रेम भेंट किये गये| यहीं जा कर निडाना की इन महिलाओं को डा.सरोज द्वारा अपने नाम के पीछे जयपाल लगाने का भेद मालूम हुआ| इसके पश्चात् इस जोड़े को मंच पर ले जाया गया जहां गावं की महिला किसानों द्वारा डा.सरोज को पगड़ी पहनाई व् शाल भेंट किया गया| इसी समय डा,सरोज व् डा,जयपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया| इसके बाद डा,सरोज जयपाल ने समय की नजाकत को देखते हुए कीट प्रबंधन पर सारगर्भित सन्देश यहाँ उपस्तिथ किसानों को दिया| अब जा कर आज का यह खेत दिवस कार्यक्रम सही मायने में समाप्त हुआ| 
अब गावं के किसान डा,सरोज व् डा जयपाल को जलपान के लिए सुरेन्द्र सिंह के घर ले गये| इस अवसर पर सफीदों के उपमंडल कृषि अधिकारी डा.सत्यवान, जींद के उपमंडल कृषि अधिकारीडा.पवन धींगडा, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा.मान व् सहायक सांख्की अधिकारी डा.सर्वजीत सिंह भी डा.साहिबा के साथ थे| चाय की चुस्कियों के साथ शुरू हुआ यहाँ के किसानों के साथ अनौपचारिक संवाद का सिलसिला| 
निडाना ग्रामवासियों को सालों-साल यद् रहेगा यह किसान खेत दिवस का कार्यक्रम|



2 comments:

  1. आभार डा. साब
    बहुत ही सराहनीय काम
    धन्यवाद

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