कीटों के साथ-साथ पढ़ाया जाता है अनुशासन का पाठ
महिला किसान पाठशाला की सबसे खास बात यह है कि इस पाठशाला में कीटों के पाठ
के साथ-साथ महिलाओं को अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया जाता है। ताकि सभी
महिलाएं समय पर खेत में पहुंच सकें और उनकी दिनचर्या न डगमगाए। बुधवार को
जब ललीतखेड़ा की यशवंती पाठशाला में लेट पहुंची तो मास्टर ट्रेनर अंग्रेजों
ने लेट आने पर उसकी खूब खिंचाई करते हुए उससे लेट आने का कारण पूछा।
अंग्रेजो के सवाल का जवाब देते हुए यशवंती ने बताया कि जब वह सुबह आठ बजे
घर का कामकाज निपटाकर पाठशाला में आने के लिए चली तो घर पर कुछ मेहमान आ
गए। मेहमानों की आवभगत में उसे पाठशाला में आने में देर हो गई।
कीटों की भी होती खाप पंचायत
बराह कलां बारहा प्रधान कुलदीप ढांडा जब महिला किसान पाठशाला में पहुंचे तो
पाठशाला की प्रशिक्षु शीला मलिक ने कहा कि ढांडा साहब खाप पंचायत सिर्फ
मानस-मानसों की नहीं किड़यां की भी होवै सै। देखो पिछली बार तो दूसरे
हथजोड़े ने आपका स्वागत किया था और इस बार कीटों की खाप के प्रतिनिधि दूसरा
हथजोड़ा आपके स्वागत के लिए आया है।
पैदल ही तय करती हैं तीन किलोमीटर का सफर
निडाना गांव की मास्टर ट्रेनर महिलाओं में कीट ज्ञान की अलख जगाने का बहुत चाव है। इसलिए लिए तो वो निडाना से ललीतखेड़ा तक आने के लिए किसी व्हीकल का भी सहारा नहीं लेती हैं। झुलसा देने वाली इस गर्मी में वो निडाना से ललीतखेड़ा तक के तीन किलोमीटर के सफर को पैदल ही तय कर लेती हैं। इस सफर के बाद उन्हें घर का कामकाज भी निपटाना पड़ता है।
कीटों पर तैयार किए हैं गीत
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पाठशाला में बही-खाते में कीटों की संख्या दर्ज करवाती महिला। |
किड़यां का कट रहया चालाए ऐ मैने तेरी सूं देखया ढंग निराला ऐ मैने तेरी सूं।
म्हारी पाठशाला में आईए हो हो नंनदी के बीरा तैने न्यू तैने न्यू मित्र कीट दिखाऊं हो हो नंनदी के बीरा।
मैं बीटल हूं , मैं कीटल हूँ।। तुम समझो मेरी महता को ।।
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